IMD Rain Alert: मौसम विभाग ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव का क्षेत्र अब स्पष्ट रूप से चिह्नित हो चुका है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रणाली शीघ्र ही सघन दबाव में परिवर्तित होगी और उसके बाद चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगी। इस मौसम प्रणाली के प्रभाव से कावेरी डेल्टा क्षेत्र और तमिलनाडु के दक्षिणी तटवर्ती जिलों में पहले से ही तेज बारिश शुरू हो चुकी है।
तमिलनाडु के उत्तरी और उत्तरी तटीय जिलों में भी मूसलाधार बारिश देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप अनेक क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
अगले सप्ताह की मौसम चेतावनी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 23 से 28 नवंबर की अवधि में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी से अत्यंत भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है। केरल और माहे क्षेत्र में 23 से 25 नवंबर के मध्य घनघोर बारिश का अनुमान लगाया गया है।
लक्षद्वीप, तटवर्ती आंध्र प्रदेश और यनम में 23-24 नवंबर को भारी बारिश होगी। रायलसीमा क्षेत्र में 23 नवंबर को तीव्र वर्षा की आशंका है। तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और माहे में 23 और 24 नवंबर को अत्यधिक भारी वर्षा होने का अनुमान है।
दूसरे निम्न दबाव क्षेत्र की संभावना
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 नवंबर को कन्याकुमारी क्षेत्र और श्रीलंका के समीप बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। इससे संपूर्ण राज्य में वर्षा की तीव्रता और अधिक बढ़ जाएगी। यह दोहरा मौसम प्रणाली तमिलनाडु के लिए विशेष चिंता का विषय है।
वर्षा मापन आंकड़े
मौसम विभाग द्वारा जारी नवीनतम अपडेट में बताया गया कि दक्षिणी तिरुनेलवेली जिले के नालुमुक्कू क्षेत्र में विगत 24 घंटों में सर्वाधिक 26 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई। ओथु (तिरुनेलवेली) में 25 सेमी, कक्काची (तिरुनेलवेली) में 23 सेमी और मंजोलाई (तिरुनेलवेली) में 21 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
| क्षेत्र | जिला | वर्षा (सेमी) |
|---|---|---|
| नालुमुक्कू | तिरुनेलवेली | 26 |
| ओथु | तिरुनेलवेली | 25 |
| कक्काची | तिरुनेलवेली | 23 |
| मंजोलाई | तिरुनेलवेली | 21 |
उत्तर-पूर्व मानसून की सक्रियता
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पूर्व मानसून दक्षिण तटीय तमिलनाडु में अत्यंत ज़ोरदार रहा है और शेष तमिलनाडु क्षेत्र में सक्रिय स्थिति में है। तमिलनाडु के अधिकतर स्थानों के साथ-साथ पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्र में वर्षा हुई है।
मलक्का जलडमरूमध्य और निकटवर्ती दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर शनिवार को निर्मित निम्न दबाव क्षेत्र रविवार को उसी इलाके में एक स्पष्ट निम्न दबाव प्रणाली में बदल गया है।
चक्रवाती प्रणाली का विकास
चक्रवाती संचरण समुद्र सतह से लगभग 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तारित है। इस प्रणाली के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में गति करने और सोमवार तक दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी तथा समीपवर्ती दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर गहन दबाव में रूपांतरित होने का पूर्वानुमान है। यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में निरंतर गतिशील रहेगी और आगामी 48 घंटों के भीतर दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगी।
अतिरिक्त मौसम प्रणालियां
कन्याकुमारी क्षेत्र और निकटवर्ती भारतीय भूमध्यरेखीय महासागर के ऊपर शनिवार को बना ऊपरी वायु चक्रवाती संचरण वर्तमान में कन्याकुमारी क्षेत्र और उसके परिवेश में केंद्रित है तथा समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसके प्रभाव से 25 नवंबर के आसपास कन्याकुमारी, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के आस-पास निम्न दबाव क्षेत्र निर्मित होने का अनुमान है। दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर शनिवार का चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र सतह से 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक विद्यमान है।
आगामी दिनों का पूर्वानुमान
दक्षिणी तटीय जिलों – कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, तेनकासी और थूथुकुडी में विभिन्न स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है। 25 से 29 नवंबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्र में असमान रूप से हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है तथा कुछ स्थानों पर गर्जन के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों, मन्नार की खाड़ी और कन्याकुमारी इलाके में 35 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने का पूर्वानुमान है, जो कभी-कभी 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक तीव्र हो सकती हैं।
IMD Rain Alert मछुआरों के लिए सुरक्षा चेतावनी
मौसम विभाग ने मछुआरों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे उपरोक्त अवधि के दौरान समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाएं। बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र में मौजूद मछुआरों को विशेष सलाह दी गई है कि वे सोमवार सुबह तक तट पर सुरक्षित वापस लौट आएं। समुद्री परिस्थितियां खतरनाक हो सकती हैं और मछली पकड़ने की गतिविधियां निलंबित रखनी चाहिए।
